टिहरी पर संकट, दर्जन भर मकानों में आई दरार, सुध लेने को तैयार नहीं जिम्मेदार

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टिहरी। उत्तराखंड में लगातार हो रहे विकास कार्यों के कारण लोगों को विकास से पहले विनाश को झेलना पड़ रहा है। प्रदेश भर में आज अलग-अलग जिलों से घरों में दरारें पड़ने की खबरें विगत वर्षों से काफी अधिक देखने को मिल रही है। वहीं टिहरी जनपद के सीमांत घनसाली विधानसभा के भिलंग पट्टी के आधा दर्जन से अधिक गांवों में विगत दिनों से भू-धंसाव और घरों पर दरार पड़ने से ग्रामीणों में खौफ का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों के घरों में बड़ी-बड़ी दरारें और खेतों में एक फीट चौड़ी दरार नजर आ रही है। चंदला, सिंधवाल गांव, वीना, भाट्टगांव, अंकवाण गांव, सरोला, जोगियाड़ा, घुघू भेल, मलेथा, कठवाड़ सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग भू-धंसाव और दरारों से डरे और सहमे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि भिलंगना हइड्रो पावर की निर्मित टनल के कारण भू-धंसाव की बनी हुई। प्रशासन और भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम ने गांव में पंहुची और उन्होंने गांव का दौरा किया।

टिहरी जनपद के भिलंगना ब्लॉक स्थित सीमांत गांव के लोग लगातार हो रहे भू-धंसाव के कारण सहमें व डरे हुए हैं। ग्रामीणों के घरों में बड़ी-बड़ी दरारें व खेतों में एक फीट चौड़ी दरार नजर आ रही है। चंदला, सिंधवाल गांव, वीना, भाट्टगांव, अंकवाण गांव, सरोला, जोगियाड़ा, घुघू भेल, मलेथा, कठवाड़ सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग भू धंसाव व दरारों से डरे व सहमें हुए हैं।

ग्रामीण भजन रावत, प्रेम सिंह व ग्राम प्रधान पवन पंवार ने बताया कि 24 मेगावाट की भिलंगना हाइड्रोपॉवर की जल विद्युत परियोजना की टनल गांव के ठीक नीचे गुजर रही है जिस कारण इन गांवों में भू-धंसाव व दरारें पड़ गई है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार प्रशासन व जल विद्युत परियोजना के अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया गया, लेकिन ग्रामीणों की सुध तक नहीं ली जा रही है।भिलंग पट्टी के कई गांवों में भू-धंसाव व दरारें पड़ने की सूचना के बाद तहसील प्रशासन व भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम ने गांव का दौरा कर भू-धंसाव व दरारें वाले स्थानों का निरीक्षण किया। तहसीलदार महेशा शाह ने कहा कि गांव का निरीक्षण के दौरान खेतों व मकानों में एक फीट से अधिक दरारें दिखाई दे रही है, रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी, भूगर्भीय वैज्ञानिक अमित गौरव ने बताया कि गांव का दौरा किया गया और भू-धंसाव व दरारें गांव में दिखाई दे रही है जिसकी रिपोर्ट जल्द तैयार कर जिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी।

चमोली के जोशीमठ में हुई भूस्खलन की घटना से देश दुनिया वाकिफ है, जबकि टिहरी के गुल्लर व भिलंग पट्टी में भी पिछले वर्ष इस तरह की खबरें सामने आई है और अब भिलंग पट्टी के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों के लिए आने वाला समय किसी मुसीबत से कम नहीं है। ग्रामीण जहां एक तरफ विस्थापन की मांग कर रहे हैं वहीं भविष्य में इस भू-धंसाव से घुत्तू बाजार सहित घनसाली तक नदी किनारे बसे लोगों के लिए भी बड़ी आफत के संकेत हैं।

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